मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
अर्थ: हे शिव शंकर आप तो संकटों का नाश करने वाले हो, भक्तों का कल्याण व बाधाओं को shiv chalisa in hindi दूर करने वाले हो योगी यति ऋषि मुनि सभी आपका ध्यान लगाते हैं। शारद नारद सभी आपको Shiv chaisa शीश नवाते हैं।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
शिव आरती